विवाह के बाद सम्बंध न बन पाना ( नान कॉन्समेशन ओफ़ मैरिज )
ये समस्या हाल ही में सामने आने लगी है और धीरे धीरे अधिक से अधिक विवाहित कपल्ज़ को प्रभावित करने लगी है । सभी प्रकार की हैसियत वाले , अत्यंत पड़ेलिखे और परिपक्व अवस्था के जोड़े इस समस्या से पीड़ित हो रहे है । उनकी एक ही समस्या होती है कि वो शादी के बाद शारीरिक सम्बंध बना पाने में असफल हो रहे है । अत्यंत हैरत की बात तब लगती है जब ऐसे कई जोड़े स्वयं प्रशिक्षित डॉक्टर होते है । संचार क्रांति के इस युग में ऐसा क्यों हो रहा है - ये एक विचारणीय प्रश्न है
कुछ दिन पहले ऐसे ही एक चिकित्सक कपल मेरे पास आया । दोनो ही चिकित्सक थे और पिछले 3 वर्षों से इनके प्रेम सम्बंध थे । शादी के बाद पहली रात्रि में लड़के ने सेक्स का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुआ । दोनो को बड़ी निराशा हुई परंतु लड़की ने तो हो हल्ला मचा दिया । भावना में उसने लड़के को नपुंसक तक कह डाला । उसके अनुसार एक सच्चा मर्द वही है जो नग्न लड़की को देखते ही सेक्स के लिए तैयार हो जाए । उस लड़की ने अपने परिवार को भी ये बात बता दी । उसके परिवार वाले भी तैश में आ गए और लड़के को फ़ोन करके इस बारे में पूछ ताछ करने लगे । जब वो मेरे पास आए तो अलग होने के एकदम क़रीब थे ।
जब मैंने विस्तार से पूछ ताछ की तो पता लगा कि अनेको रीति रिवाजों के कारण और विवाह सम्बन्धी काम की अधिकता के कारण लड़का कई दिनो से भली प्रकार सो नहीं सका था । उनके परिवार में प्रथा थी कि पहली रात के बाद अगली सुबह परिवार को सेक्स होने का सबूत देना होता था इसीलिए लड़की थोड़ी ज़्यादा अपसेट थी । मैंने लड़की को समझाया कि उसकी विचार धारा सही नहीं है और उसने जल्दबाज़ी में ही सबको बता दिया जिसकी कोई ज़रूरत नहीं थी । यदि लड़की थोड़ी सूझ बुझ से काम लेती तो इस समस्या से बच सकती थी । इस केस में भी जब लड़के ने एक दो दिन आराम किया और उपयुक्त नींद ली तो सब ठीक हो गया । इस से पता चलता है कि कई बार सेक्स न होने का कोई मामूली कारण हो सकता है जिसे यदि समय पर ठीक न किया जाए तो मामला बिगड़ सकता है । अनेक जवान आईटी प्रफ़ेशनल मेरे पास आते है जो अलग अलग जगह पर नौकरी के कारण या पढ़ाई के कारण शादी के बाद कम ही समय के लिए साथ रह पाते है । शुरू शुरू में वो सेक्स को प्राथमिकता न देकर काम में ही ध्यान केंद्रित रखते है । शारीरिक सम्बंध को तब तक के लिए टाल देते है जब तक दोनो एक दूसरे से सहज न महसूस करे । ऐसे ही समय निकलता जाता है । एक दो साल बाद परिवार के लोग ख़ुश ख़बरी के लिए अपेक्षा करने लगते है । ऐसे में वो हड़बड़ी में गर्भ धारण के लिए सेक्स करने का प्रयास करते है जिसमें अनेक बार वो असफल हो जाते है । कुंठा में एक दूसरे पर दोषारोपण के बाद स्थिति गम्भीर हो जाती है । यहाँ पर समस्या का कारण शादी के बाद शारीरिक संबंधो की अनदेखी करना है । इनकी शुरुआत आप हड़बड़ी में नहीं कर सकते । शादी के बाद शारीरिक सम्बंध को उचित वरीयता न देना काफ़ी तनाव पूर्ण स्थिति में बदल सकता है ।
अपने प्रैक्टिस के दौरान इस समस्या से पीड़ित लगभग 600 मरीज़ों में मुझे अन्य कई प्रकार के कारण मिले जिन पर अब चर्चा करेंगे ।
1-सेक्स एजुकेशन की कमी - यद्यपि इंटर्नेट पर सब तरह की यौन सामग्री उपलब्ध है परंतु इसमें से अधिकतर वेज्ञानिक रूप से ग़लत है और आम लोगों के मन में अनेक तरह की भ्रांति फैलाने वाला है । इनसे आम लोगों की सेक्स के दौरान अपने साथी से अपेक्षायें असामान्य रूप से बढ़ जाती है और मानवीय यौन संबंधो को विकृत रूप में दर्शाती है ।
2- पति पत्नी दोनो में तनाव - तनाव का कारण कोई भी हो- घरेलू या नौकरी से सम्बंधित । एक तरह की चूहा दौड़ चल रही है !
3- साथ बिताने के समय की कम - मेरे पास एक जोड़ा आया जिसमें लड़का IT प्रफ़ेशनल था जो रात में 7PM से सुबह 4 बजे की शिफ़्ट में एक BPO में काम करता था और लड़की CA पास थी और एक बैंक में सुबह 9AM से शाम 6.00 - 6.30 PM तक काम करती थी । उनके पास अच्छा घर था और सुख सुविधा के सभी साधन थे परंतु वे लोन पर थे और महीने की EMI देना अति आवश्यक था । अब संडे के अतिरिक्त उनके पास शाम 6 से 7 बजे का वक्त ही बात करने का था । वो शादी के बाद दो वर्षों तक कोई सेक्स न कर पाए । उनके पास एक दूसरे से बात करने का समय नहीं था तो सेक्स का तो प्रश्न ही नहीं था । परिवार के दवाब में उन्होंने भी संतानोत्पत्ति के लिए असफल प्रयास किया और आपसी तनाव पैदा हुआ । ऐसे में दोनो ने अपने career को ज़्यादा वरीयता दी । मेरे समझाने पर लड़के ने नौकरी बदल ली और दिन में ही काम करने लगा । इस के बाद सब ठीक हो गया ।
4- पुरुष की यौन समस्या- पुरुषों में अनेक प्रकार की यौन समस्या जैसे शीघ्रपतन , अंग में कठोरता की कमी , समलेंगिकता , सेक्स की अपूर्ण जानकारी ( एक काफ़ी पढ़ा लिखा कपल मेरे पास इसी समस्या आया । लड़के के अनुसार वो सम्बंध बना चुके थे जबकि लड़की इस बात से सहमत नहीं थी । जानकारी लेने पर पता चला कि सम्बंध बनाते समय उन दोनो की बिस्तर पर पज़िशन ठीक नहीं होती थी - हमें उन्हें चित्रों की सहायता से सारी प्रक्रिया समझानी पड़ी तो वो ठीक से सम्भोग कर सके । ) यानि यौन सम्बंधी बुनियादी जानकारी का अभाव था )
5- महिलाओं की यौन समस्या- अनावश्यक अपेक्षा भी इसका एक कारण हो सकती है । कई लड़कियाँ ऐसी उम्मीद लगा लेती है कि उनका पति बिस्तर में पूरी तरह एक्स्पर्ट होगा । इसी प्रकार के एक केस में ग्रामीण परिवेश में पली एक लड़की ने अपने पति को बिस्तर में सहयोग करने से इनकार कर दिया क्योंकि उसके अनुसार उसका पति एक जाहिल इंसान था , उसे बिस्तर में पत्नी को कैसे रिझाया जाए - इसका ज्ञान नहीं था तो वो यौन क्रिया में संतुष्ट क्या कर पाएगा । मैंने ये जानने की कोशिश की कि उसका क्या अर्थ है ? वो स्वयं भी अपने में स्पष्ट नहीं थी कि वो क्या चाहती है पर अपने पति के रूप में यौन क्रिया के पारंगत खिलाड़ी की अपेक्षा रखती थी । असल में उसे ये नहीं पता था कि वास्तविक ज़िंदगी में यौन सम्बंध पिक्चर में दिखाए गए यौन सम्बंध से भिन्न होते है ।
वेज़िनिस्मस - ( Vaginismus) इसका अर्थ है कि लिंग के प्रवेश की ज़रा से प्रयास से स्त्री की योनि पूरी तरह सिकुड़ जाती है , जिस से लिंग प्रवेश के सारे प्रयास असफल हो जाते है । पुरुष जितना प्रयास करता है , समस्या उतनी ही ज़्यादा होती है । इस दौरान महिला को तेज पीड़ा का अनुभव होता है इस लिए वो सहयोग भी नहीं कर पाती । इस समस्या से अनभिज्ञ पुरुष सोचने पर विवश हो जाता है कि उसके लिंग में कठोरता का अभाव है । महिला भी पुरुष को ही इस समस्या के लिए दोषी ठहराने लगती है । इसी क्रम में महिला के परिवार ज़न भी सम्मिलित हो जाते है । दोनो के सम्बंध बिगड़ने से कई बार स्थिति सम्बंध विच्छेद तक पहुँच जाती है ।
प्रश्न है कि ज़ब महिला को भली भाँति ज्ञात होता है कि विवाह के बाद ऐसा होना ही है तो क्या वो स्वयं को इसके लिए तैयार नहीं कर सकती ? यहाँ समझने की बात है कि ये कोई स्वेच्छित अवस्था नहीं है । हो सकता है कि महिला इस वास्तविकता से अनभिज्ञ हो । कई बार ऐसे में जब महिला चिकित्सक अंदरूनी जाँच करती है तो एक ऊँगली तो आसानी से प्रवेश कर पाती है तो उन्हें लग सकता है कि सब ठीक है परंतु जैसे ही यौन क्रिया का प्रयास होता है तो फिर से योनि पूरी तरह बंद हो जाती है । इसके अनेक कारण हो सकते है - यौन सम्बंध में सम्भावित दर्द से डर लगना , आंतरिक अंगो को चोट लगने का डर या बीते समय में हुए यौन शोषण के कारण अपने जीवन साथी द्वारा सम्बंध स्थापित करने के प्रयास में भी योनि अपनी रक्षा स्वरूप बंद हो जाती है , आंतरिक अंगो में सूजन और कई महिलाओं में रुई जैसे बिलकुल हलके स्पर्श में भी पीड़ा की अनुभूति का होना ( Vulvodynia)
इसका उपचार कैसे हो -
मैं ऐसे हर केस में तीन बातें सब को बताता हूँ -
1- एक दूसरे की निंदा न करे बल्कि एक दूसरे का सहयोग करे
2- अपने शयन कक्ष की घटनाओं की जानकारी किसी को न दे ।
3- यदि आप इस सम्बंध को पूर्ण रूप से निभाने को प्रतिबद्ध है तो ही इलाज शुरू करे । सम्बंध विच्छेद के बारे में सोचने वाले सच्चे हृदय से प्रयास नहीं करते ।
मैं हर कपल को सलाह देता हूँ कि वो स्वस्थ जीवन शैली अपनाए , एक दूसरे के साथ कुछ समय व्यतीत करे और एक दूसरे की उपस्थिति में सहज होने का प्रयास करे । विस्तृत उपचार के लिए इसके कारण का पता लगाया जाना ज़रूरी है । आम तौर पर ऐसी समस्या ठीक हो जाती है ।