मोर्निंग वुड यानि सुबह उठने पर लिंग मे तनाव रहना । यह एक सामान्य बात है और लगभग किशोरावस्था के बाद ये प्रक्रिया शुरू हो जाती है । ये स्वस्थ शरीर की निशानी है एवं पुरुषों के निद्रा चक्र का ही एक हिस्सा है।
क्या होता है :
नॉकटरनल पीनाइल ट्यूमेसेन्स या मोर्निंग वुड मर्दों मे पाया जाता है। नींद से उठने पर लिंग में कड़कपन होता है। आमतौर पर ये जवान लोगों मे अधिक पाया जाता है और जैसे-जैसे उम्र बढती है वैसे-वैसे ये कम होने लगता है। परन्तु अचानक से अगर मोर्निंग इरेक्शन होने बंद हो जाएं तो उसका मतलब आपको इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है। इसका कोई न कोई शारीरिक कारण ही होता है, मनोवैज्ञानिक नहीं। मनोवैज्ञानिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन में मोर्निंग इरेक्शन होते हैं परन्तु यदि कोई शारीरिक समस्या हो तो लिंग में तनाव बंद हो जाता है।
क्यों होता है :
आमतौर पर मोर्निंग वुड का कारण सुबह के समय शरीर मे बढने वाले टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन को माना जाता है। इसके अलावा भी अन्य वैज्ञानिक कारण है जिसके कारण लिंग मे तनाव उत्पन्न हो जाता है।
जब आप गहरी नींद मे होते हैं, तब शरीर टेस्टोस्टेरॉन का प्रोडक्शन और इस्तेमाल बढ़ा देता है। यही कारण है कि जब आप गहरी नींद से सोकर उठते हैं, तो आपको लिंग में तनाव मिलता है। आमतौर पर लिंग में ये तनाव १५ से २५ मिनट तक बना रहता है।
मॉर्निंग इरेक्शन क्या है जानिए यह वीडियो देखकर की लिंग में तनाव क्यों रहता है इसे मॉर्निंग वुड के नाम से भी जाना जाता है
सुबह लिंग में तनाव क्यों रहता है।
रात की नींद दो प्रकार की:
एक तो रैपिड आई मूवमेंट (आर.इ.एम् स्लीप) और दूसरी नॉन रैपिड आई मूवमेंट
(एन.आर.इ.एम् स्लीप) ।
आर.इ.एम् स्लीप आपकी आंख की पुतली बड़ी तेज़ी से घुमती है और इसके साथ ही आपके शरीर मे कई सारे बदलाव भी होते हैं जिनके बारे मे आपको पता नहीं होता। जिस तरह से नींद मे आपका सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन बहुत ज्यादा बनता है उसी प्रकार ब्लड प्रेशर, साँस की गति,ह्रदय गति सब बढ जाती है। दिमाग भी तेज़ चलता है और मासपेशियों की टोन कम हो जाती है। चाहकर भी आप उस वक़्त हिल नहीं सकते। इस दौरान आपके शरीर मे और भी कई चीज़ें होती हैं जिसके बारे मे न तो पता होता है और न ही याद रहता है।
एक रात में २ से ५ बार आर.इ.एम् स्लीप के एपिसोड आते हैं और उसके दौरान ही इरेक्शन होता है। यदि ऐसा हो रहा है तो अत्यंत सामान्य बात है।
इसलिए कहा जा सकता है की मोर्निंग वुड के होने के दो कारण होते हैं।
१. आर .इ. एम् स्लीप के दौरान टेस्टोस्टेरॉन हर्मोने का शारीर मे अत्यधिक पाया जाना एक कारण है।
२. ब्रेन रिलैक्स्ड होता है तब भी इरेक्शन होती है।
जिन लोगों में डिप्रेशन,मोटापा,मधुमेह, कोलेसट्रोल एवं रक्त चाप जैसी बीमारी है उन लोगों मे ये समस्या ज्यादातर पाई जाती है। गंभीर डिप्रेशन वाले रोगी या जो डिप्रेशन की दवाई ले रहे हैं उन्हें भी मोर्निंग इरेक्शन आना बंद हो जाता है.
स्वस्थ होने की निशानी - मॉर्निंग वुड
मेडिकल रिसर्च के अनुसार एक स्वस्थ पुरुष मे सोते समय इरेक्शन की प्रक्रिया ३ से ५ बार तक होती है। अगर किसी व्यक्ति को सुबह उठने के बाद लगातार कई दिनों तक लिंग मे कड़कपन नहीं दिखता है, तो ये चिंता की बात हो सकती है। ऐसे व्यक्ति को डॉक्टर से मिलकर इस समस्या के बारे मे बात करनी चाहिए। जब आपकी रक्त वाहिकाओं में पर्याप्त खून प्रवाहित नहीं हो पाता तब आमतौर पर मॉर्निंग इरेक्शन नहीं होता है।