सेक्स से आनंद प्राप्ति होती है - ये बात सभी जानते है । साथ में थकान महसूस होना और नींद आना भी अत्यंत कॉमन है। इसके अनेक कारण होते है - मुख्य रूप से फ़ोरप्ले के समय पहले ही उत्तेजित होने से दिल की धड़कन अधिक होती है और योनि प्रवेश के बाद के 2-5 मिनट का समय सरपट भागने जैसा होता है।
यदि आप अभ्यसत न होने पर कभी तेज़ी से भागे तो आपको थकान होगी ही। सेक्स भी एक 100-200 मीटर की दौड़ की तरह है , इसलिए थकान होना एक सामान्य बात है। सेक्स के समय अनेक हॉर्मोन भी बनते है जिस से रिलैक्स महसूस होता है ।
थका हुआ शरीर यदि रिलैक्स होगा तो नींद आना एक सामान्य बात है।
कुछ लोग सेक्स को नींद की दवा के रूप में इस्तेमाल करते है- ये ग़लत है क्योंकि ऐसे आप सेक्स का आनंद प्राप्त करने की बजाए एक कार्य करने लगते हो।
कई पुरुष सेक्स से पहले ही ये सोच कर काफ़ी तनाव ग्रस्त हो जाते है कि क्या वो अपनी पार्ट्नर को संतुष्ट कर पाएँगे ? एक तनाव ग्रस्त इंसान यदि दौड़ लगाएगा तो चाहे शीघ्र पतन हो जाए, थकना तो लाज़मी है। ये थकान आम तौर पर कुछ समय में ठीक हो जाती है , परंतु कई बार ये काफ़ी समय यानी 1-2 दिन से लेकर 5-6 दिन तक रहती है।
ऐसे में फलूँ जैसे लक्षण जैसे बुखार की हरारत महसूस होना( मैंने दो मामले ऐसे देखे है जहाँ मरीज़ ने सेक्स के बाद 101 डिग्री फ़र्नहाइट बुखार होने का दावा किया जो कुछ खाने से या आराम करने से ठीक होता था । उसे या उसके पार्ट्नर को कोई इन्फ़ेक्शन नहीं था ।इस कारण वह सेक्स करने से डरने लगा और वैवाहिक संबंधो में दरार आने लगी) ऐसे लोगों को अन्य लक्षण जैसे सिर दर्द , उदासी या घबराहट भी होसकती है। इसे पोस्ट ओरगस्मिक सिंड्रोम कहते है ।
पहले बताई गई थकावट सामान्य बात है जबकि पोस्ट ओरगस्मिक सिंड्रोम एक समस्या है।