शीघ्र पतन पुरुषों में और योनिस्राव महिलाओं में सबसे ज़्यादा पायी जाने वाली समस्या हैं। बड़े बड़े अनेक विज्ञापन आप को दिखाई देते होंगे जिनमे लूकोरीया को महिलाओं की सुंदरता का दुश्मन बता कर इलाज की गैरंटी दी जाती हैं। ये सब कोरी बकवास के इलावॉ कुछ नहीं हैं।
योनि से निकलने वाला ये एक सामान्य सा तरल पदार्थ होता हैं। जिसकी मात्रा मासिक चक्र के अनुसार कम या ज़्यादा होती रहती हैं। मासिक चक्र शुरू होने के 2-3 दिन पहले और 2-3 बाद में तथा अंडा पकने के 1-2 पहले इसकी मात्रा अधिक होती हैं। (यदि मासिक चक्र 30 दिन का हे तो 12 वें से 13वें दिन, रक्त स्राव बंद होने के बाद 2 दिन और रक्त स्राव शुरू होने से पहले 28-30वें दिन ये मात्रा ज़्यादा होगी।
सामान्य रूप से ये रंगहीन और गंधहीन होता हैं। इसका आपकी सेहत से कोई नकारात्मक सम्बंध नहीं होता इसलिए इन भ्रामक विज्ञापनो के जाल में न फँसे। आपकी सुंदरता आपके शारीरिक स्वास्थ्य और आत्म विश्वास पर निर्भर करती हैं।
योनिस्राव के लिए कब चिकित्सक से सम्पर्क करे -
1- यदि इस का रंग सफ़ेद फटे दही जैसा, पीला या हरा हो 2- यदि इसमें बदबू आने लगे 3- यदि रक्त मिश्रित योनिस्राव हो 4- मासिक धर्म बंद होने के बाद किसी भी प्रकार का डिस्चार्ज हो
असमान्य योनिस्राव के कारण-
1- योनि में संक्रमण होना 2- कैन्सर 3- आयु बढने से योनि का संकुचित होना 4- मधुमेह की बीमारी
लक्षण- 1- सेक्स के समय दर्द 2- योनि में सूजन 3- लापरवाही करने पर बांझपन
उपचार-
डॉक्टर आपकीउचित जाँच करके अंटीबायआटिक और अंटीफ़ंगल दवा देंगे । इसे 5-10 दिन तक लेना होता हैं।